The 2-Minute Rule for motivational stories in Hindi
The 2-Minute Rule for motivational stories in Hindi
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लेकिन, फिर भी कुछ ऐसी बातें हैं जो सफल लोगों में आम होती हैं। यहाँ कुछ सफल लोगों की सफलता की कहानियाँ हैं, जिनसे आप प्रेरणा ले सकते हैं :-
जो दोस्त कठिनाई में साथ देता है वही सच्चा दोस्त होता है।
And what was more shocking is the fact just one Pal instructed me she experienced a timeshare in Paris that Price tag only $120 each week and was available on my birthday. Oh, and it had been a few miles with the Eiffel Tower! As my partner searched for flights he found out that we had 50,000 skymiles we didn’t know we experienced (a few young youngsters, we hadn’t flown anywhere in years). The grandparents agreed to choose the children, who experienced never been away from us overnight. For my 40th birthday, I ran three miles on the Eiffel Tower and again to our condo.”
इस प्रसंग से सीख – गाँधी जी का यह प्रसंग हमें बताता है कि हमें परीक्षा में कभी भी नक़ल नहीं करनी चाहिए बल्कि हमें जितना भी उस विषय के बारे में जानकारी पता है उसका उत्तर लिखना चाहिए.
कोम ने गरीबी और लैंगिक भेदभाव जैसी कई चुनौतियों का सामना करते हुए यह मुकाम हासिल किया।
यहां कुछ और संसाधन दिए गए हैं जो आपको प्रेरणा दे सकते हैं :-
तेनालीराम की चित्रकारी – तेनालीराम की कहानी
यह बात छोटी है, परंतु बहुत ही प्रेरणादायक है क्योंकि यह छोटा सा प्रसंग लाल बहादुर शास्त्री जी की सहृदयता, मानवता और कर्तव्यों के प्रति उनकी आस्था को दर्शाता है।
तीन कहानियाँ- जो बदल सकती हैं आपकी जिंदगी!
गाँधी जी को इस बात से बहुत चोट लगी. उन्होंने महसूस किया की प्यार हिंसा से ज्यादा असरदार दंड दे सकता है.
दोस्तों “आम का मोह” कहानी का तात्पर्य या प्रेरणा, सन्देश यह है कि जरुरत से ज्यादा मोह आपको व्यर्थ बना सकता है, वो कहते get more info हैं ना कि कही पहुंचे के लिए कही से निकलना बहुत जरुरी होता है।
पंचतंत्र की कहानी: बुद्धिमान केकड़ा और चिड़िया – buddhiman kekada aur chidiya
उनके ऐसे ही न जाने कितने प्रेरक प्रसंग हैं, जो न केवल इन्सानियत और मानवता का पाठ पढ़ाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि जनता के एक प्रतिनिधि का स्वरूप कैसा होना चाहिए।विराट हृदय वाले शास्त्री जी अपने देश के लोगों के विकास और वतन की शांति की स्थापना के लिए हमेशा प्रयत्नशील रहे। उन्हें कभी भी किसी पद या सम्मान की लालसा नहीं रही। उनके राजनीतिक जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए,जब शास्त्री जी ने इस बात का सबूत दिया कि देश और मानव सेवा ही उनका उद्देश्य है और इस तरह लोगों के समक्ष कई प्रेरणादायी उदाहरण रखे। उनके विषय में यह कहा जाता है कि वह अपना त्यागपत्र सदैव अपनी जेब में रखते थे। ऐसे निःस्पृह व्यक्तित्व के धनी,शास्त्री जी भारत माता के सच्चे सपूत थे।
“I were Operating at a newspaper for much more than thirty years when my daily life improve reared its head: I was ‘downsized.’ I went by significant melancholy following that and it got to the point where I couldn’t snooze, wasn’t doing exercises instead of minding what I ate. I made a decision to reevaluate my existence and what I felt most keen about, which was having wholesome. I’d wrestled with high blood pressure level and superior cholesterol in the past.